शिवभूषणावरील पहिल्या लेखात आपण शिववंशवर्णन व काही छंद बघितले
आज दुसर्या लेखात आपण पुढले आणखीन काही छंद बघू.
आज दुसर्या लेखात आपण पुढले आणखीन काही छंद बघू.
आजौ
भूतनाथ
मुंडमाल
लेत
हरषत
भूतन
आहार
लेत
अजहु
उछाह
है
भूषन
भनत
आज
काटे
करवालनके
कारे
कुंजरन
परि
कठिन
कराह
है
सिंह
सिवराज
सलहेरि
के
समीप
ऐसो
कीन्हो
कतलाम
दिल्लीदल
को
सिपाह
है
नदी
रनमंडल
रुहेलन
रुधिर
आजौ
आजौ
रबिमंडल
रुहेलन
की
राह
है
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इंद्र
जिमि
जंभ
पर
बाडव
सुअंभ
पर
रावण
सदंभ
पर
रघुकुल
राज
है
|
पौन
बारिबाह
पर
संभु
रतिनाह
पर
ज्यौं
सहसबाह
पर
राम
द्विजराज
है
|
दावा
दृमदंड
पर
चीता
मृगझुंड
पर
भूषन
वितुंड
पर
जैसे
मृगराज
है
|
तेय
तमअंस
पर
कान्ह
जिमि
कंस
पर
त्यौं
म्लेंच्छबंस
पर
सेर
सिवराज
है
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